पढ़ाई सिर्फ नौकरी के लिए नहीं करनी चाहिएः डा यादव

राज्य नीति आयोग के नीति संवाद में बोले मुख्यमंत्री
भोपाल। मुख्यमंत्री डा मोहन यादव ने कहा कि पढ़ाई सिर्फ नौकरी के लिए भी नहीं करना चाहिए। छोटे रोजगार से स्किल डेवलेपमेंट भी हो जाता है। मेडिकल एजुकेशन और हॉस्पिटल पहले अलग-अलग थे। हमने कहा ये अलग-अलग कैसे हो सकते हैं।”
मुख्यमंत्री डा मोहन यादव ने राज्य नीति आयोग के नीति संवाद श्रृंखला 2025 का ष्शुभारंभ करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि सिलेबस के आधार पर पढ़ा क्या रहे, हमें ही नहीं मालूम। उन्होंने अपनी पढ़ाई का जिक्र करते हुए कहा कि पिताजी ने हायर सेकेंडरी पढ़ने के बाद दुकान खोल दी और कहा कि अब दुकान पर बैठो। उन्होंने पढ़ाई के साथ दुकान भी चलाने को कहा ताकि आय की व्यवस्था वक्त के साथ बनी रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि देसी व्यवस्था हमारी शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ी करती है। पढ़ने के लिए नौकरी करना जरूरी है। अंग्रेजों के समय से शिक्षा के नाम पर यह नकली आडंबर बना दिया है। उन्होंने कहा कि मेडिकल एजुकेशन और हास्पिटल अलग थे जिसे हमने एक किया क्योंकि दोनों में काम तो एक ही होता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आयुर्वेद ने कोरोना के दौर में हिम्मत दिलाई और आयुष विभाग ने इसमें महत्वपूर्ण योगदान दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक समय हमारा शैक्षणिक स्तर सौ प्रतिशत था। समय के साथ ये कम हो गया था। हम फिर अलग-अलग भाषाओं में पाठ्यक्रम लागू कर रहे हैं। पाठ्यक्रम में रानी दुर्गावती, झांसी की रानी को उचित स्थान तक नहीं मिला। अतीत के ऐसे कई उदाहरण हैं। पढ़ा रहे हैं लेकिन पढ़ा क्या रहे हैं यही नहीं मालूम।
जिस शिक्षा में संस्कार नहीं वह आतंकवादी, उग्रवादी बना देती है : इंद्रेश
में मध्यप्रदेश राज्य नीति आयोग के नीति संवाद श्रृंखला 2025 कार्यक्रम में राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के संस्थापक इंद्रेश कुमार ने कहा कि आतंकवाद विकारमुक्त हिंदुस्तान बन सके इसके प्रयास हैं। जिस शिक्षा में संस्कार नहीं वह आतंकवादी और उग्रवादी बना देती है। इसलिए शिक्षा में संस्कार जरूरी हैं। जो शिक्षित है वह आदमी भ्रष्ट्राचारी या आतंकवादी नहीं बन सकता। वह क्रोधी, अहंकारी भी नहीं बन सकता। मोदी जी ऐसा ही भारत बना रहे हैं। मुझे इंजीनियर बनाया गया इस पर खर्च हुआ लेकिन मुझे अच्छा इंसान बनाने का कोई खर्च नहीं है। ये सिर्फ सिस्टम से हो सकता है। हमें शिक्षित होने का मतलब समझना होगा। संस्कार का सबसे अच्छा उदाहरण राम-रावण हैं। एक को हर साल जलाया जाता है। एक को युगों युगों से पूजा जा रहा है। भारत सरकार चाहती है जो दुनिया का विश्वगुरु कहलाए। दंगामुक्त हिंदुस्तान क्यों नहीं हो सकता।

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