सत्र के पहले ही समस्याओं का करना होगा निराकरण

19 मई से लगाए जाएंगे शिविर
भोपाल। लंबित समस्याओ का समाधान कराने शिक्षक स्कूल छोड़ कार्यालयों तक नहीं आ पाएंगे, इसके लिए भोपाल संभाग में नई व्यवस्था की गई है। नियमित सत्र के पूर्व इनकी सभी मांगों का निराकरण हो। नतीजतन ब्लॉक से लेकर जिला स्तर पर शिविर लगाये जा रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि ग्रीष्म अवकाश में ही यह काम कंपलीट होगा।
शिक्षा विभाग ने पिछले शैक्षणिक सत्रों का अनुभवन देखते हुए यह नई व्यवस्था की गई है। अधिकारियों का कहना है कि बीच सत्र में पढ़ाई के दौरान शिक्षक अपनी समस्याओं के लिए जिला से लेकर राज्य स्तर तक प्रदर्शन करते हैं। इससे बच्चों के अध्यापन का नुकसान होता है। अधिकारियों का भी काम प्रभावित होता है। ब्लाक और जिला शिक्षा अधिकारी जो समस्याएं सुलझा सकते हैं। उनका निदान नियमित सत्र के पूर्व हो। इसलिए शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। जो समस्याएं इनके नियंत्रण क्षेत्र से बाहर होंगी। उनका समाधान संभाग स्तर पर किया जाएगा। 19 से 21 मई तक ब्लाक स्तर पर शिविर लगाये जाएंगे। इसके बाद 26 और 27 मई को जिला स्तर पर शिविर लगेंगे। फिर 28 से 30 मई तक संभागीय लेवल पर यह कैंप आयोजित होंगे। इस संबंध में डिवीजन अंतर्गत आने वाले भोपाल के अलावा राजगढ़, रायसेन, विदिशा, सीहोर के जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखा गया है। इनसे साफ कहा गया कि वह डीईओ के अलावा बीईओ कार्यालय पर निर्धारित तिथियों में शिविर आयोजित करें।
शिक्षकों की अनेक समस्याएं लंबित
महिला शिक्षकों को चाइल्ड केयर लीव, अर्जित अवकश, दिवंगत टीचरों के आश्रितों को अनुकंपा नुयिक्तियां, सेवानिवृत्त शिक्षकों के स्वत्वों का भुगतान, समय पर वेतन सहित अनेक दिक्कतें हैं, जिनको लेकर शिक्षक आंदोलन करने भोपाल तक आते हैं। संभागीय कार्यालय के अनुसार जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालयों से जो रिपोर्ट आई। उसने चिंता में डाल दिया है। अनेक स्कूलों से शिक्षक ऐसे हैं जो तीन से चार दिनों का आवेदन देकर भोपाल आंदोलन के लिए आते हैं। जिससे पढ़ाई प्रभावित होती है।

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