दिल्ली ब्लास्ट में नया खुलासा: उमर ने किया शू-बम से धमाका? बेहद खतरनाक होता है TATP विस्फोटक; ऐसे करता है काम

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: विकास कुमार Updated Mon, 17 Nov 2025 10:59 PM IST

आशंका जताई जा रही है कि डॉक्टर उमर ने विस्फोट करने के लिए अपने जूते में कोई मैकेनिज्म छिपा रखा था। धमाके के लिए उसने इसी से स्पार्क किया और बम फट गया।

लाल किला के पास 10 नवंबर को हुए बम धमाके की जांच के दौरान एक बड़ी जानकारी सामने आई है। जांच एजेंसियों के सूत्रों का कहना है कि जैश से जुड़े फिदायीन हमलावर डॉ. उमर ने शायद 'शू-बम' (जूता बम) का इस्तेमाल कर धमाके को अंजाम दिया है। बम विस्फोट में अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 20 से अधिक लोग बुरी तरह जख्मी हुए हैं।

जूते से अमोनियम नाइट्रेट और टीएटीपी के ट्रेस मिले 
सूत्रों के मुताबिक धमाके वाली जगह से मिले सबूतों और इकट्ठे किए गए बाकी सामान में एक जूते पर जांचकर्ताओं का ध्यान केंद्रित हो गया है। दरअसल उमर की आई-20 कार से मिले जूते से अमोनियम नाइट्रेट और टीएटीपी के ट्रेस मिले हैं। जांच टीम को कार के दाहिने अगले टायर के पास ड्राइवर की सीट के नीचे से जूता मिला है। जांच एजेसिया इसे शुरुआती सुराग बानकर आगे की कार्रवाई करने में जुटी हैं।

जूते में कोई मैकेनिज्म छिपा रखा था
आशंका जताई जा रही है कि डॉक्टर उमर ने विस्फोट करने के लिए अपने जूते में कोई मैकेनिज्म छिपा रखा था। धमाके के लिए उसने इसी से स्पार्क किया और बम फट गया। जांच कर रही टीम का कहना है कि अमोनियम नाइट्रेट और टीएपी के साथ अन्य केमिकल ने धमाके को और घातक बनाया।

शैतान की मां
टीएटीपी एक बेहद खतरनाक और संवेदनशील विस्फोटक माना जाता है। अक्सर आतंकी इसका इस्तेमाल करते हैं। यह मामूली झटके, रगड़ या थोड़ी सी गर्मी से भी फट सकता है। इसी वजह से आतंकी दुनिया में इसे ‘शैतान की मां’ नाम से जाना जाता है।

ब्लास्ट की जांच कर रही एनआईए की टीम - फोटो : AI

नेपाल और यूपी से खरीदे गए मोबाइल फोन व 17 सिमकार्ड...
धमाके को अंजाम देने के लिए जिन मोबाइल फोन और सिम कार्ड का इस्तेमाल किया गया था, उसे यूपी के कानपुर और पड़ोसी मुल्क नेपाल से खरीदा गया था। सूत्रों की माने तो ब्लास्ट को अंजाम देने के लिए नेपाल से 6 पुराने मोबाइल खरीदे गए थे। इनके लिए 17 सिम कार्ड का इंतजाम किया गया। इनमें छह सिम कार्ड कानपुर के बेकनगंज के एक व्यक्ति के नाम पर रजिस्टर मिले हैं। 

Delhi blast dr. umar detonated blast with a shoe bomb TATP is a highly dangerous explosive

डॉ. उमर विस्फोट से एक घंटे पहले इन लोगों से था संपर्क में
जांच में पता चला है कि डॉ. उमर विस्फोट से एक घंटे पहले तक डॉ. परवेज, डॉ. मो. आरिफ और डॉ. फारूक अहमद डार के संपर्क में था। डॉ. परवेज, डॉ. शाहीन सईद का भाई है। शाहीन को फरीदाबाद स्थित अल-फलाह विश्वविद्यालय से गिरफ्तार किया गया। डॉ. परवेज लखनऊ स्थित इंटीग्रल विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर के पद पर तैनात था।

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डॉ. उमर कर रहा था दो मोबाइल फोन, पांच सिम का इस्तेमाल
लाल किला के पास बम धमाके की जांच में जुटी एजेंसियां 'फिदायीन हमलावर' डॉ. उमर की धमाके से पहले की गतिविधियों का पता लगाने में जुटी हैं। जांच में पता चला कि फिदायीन उमर बम धमाके से पहले पांच सिमकार्ड का इस्तेमाल कर रहा था। सूत्रों का कहना है कि डॉ. उमर ने 30 अक्तूबर से 10 नवंबर के बीच दो फोन का इस्तेमाल किया। फिलहाल यह दोनों मोबाइल गायब हैं। बम धमाके वाले दिन उमर ने दो सिमकार्ड का इस्तेमाल किया है। जांच दल उसका पता लगाने का प्रयास कर रही है।

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कहां था 9 दिनों तक डॉ. उमर, पता लगा रही जांच एजेंसियां...
अभी तक की जांच में पुलिस और जांच एजेंसियों को जो सीसीटीवी फुटेज मिले हैं, वह सभी 30 अक्तूबर तक के हैं या 9 और 10 नवंबर के हैं। इस बीच 9 दिन उमर कहां था, किसके साथ था, क्या कर रहा था, इन तमाम सवालों के जवाब तलाशें जा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक 29, 30 अक्तूबर और 9, 10 नवंबर को फरीदाबाद से दिल्ली तक डॉ. उमर के करीब 50 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज में देखा गया है। यह फुटेज यूनिवर्सिटी, टोल प्लाजा, दिल्ली की सड़कों व अन्य जगहों पर लगे कैमरों की हैं। कुछ ही फुटेज में वह मास्क से चेहरा छिपाए हुए दिखा है। बाकी जगह उसने चेहरा नहीं छिपाया है।

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