वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, ढाका Published by: निर्मल कांत Updated Mon, 17 Nov 2025 11:08 PM IST
बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने सोमवार को अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनके सहयोगी के खिलाफ विशेष न्यायाधिकरण के फैसले की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस फैसले ने एक मूल सिद्धांत को प्रमाणित किया है कि चाहे सत्ता कितनी भी बड़ी हो, कोई भी कानून से ऊपर नहीं है। अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण-बांग्लादेश (आईसीटी-बीडी) ने हसीना और उनके पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमान खान कमाल को पिछले साल के छात्र आंदोलन के दौरान 'मानवता के खिलाफ अपराध' के लिए मौत की सजा सुनाई है।
हसीना पिछले साल पांच अगस्त को बांग्लादेश छोड़कर भारत आ गई थीं, जब बड़े विरोध प्रदर्शन हुए थे। कोर्ट ने उन्हें पहले ही भगोड़ा घोषित किया था। बताया जाता है कि कमाल भी भारत में ही हैं। यूनुस ने बयान में कहा, आज बांग्लादेश की अदालत ने स्पष्टता के साथ अपनी बात कही है। यह सजा और फैसला एक मूलभूत सिद्धांत को प्रमाणित करता है- चाहे सत्ता कितनी भी बड़ी हो, कोई भी कानून से ऊपर नहीं है। यूनुस ने पिछले साल अगस्त में अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के रूप में पदभार संभाला था। इससे तीन दिन पहले हसीना भागककर भारत आ गई थीं और छात्रों के नेतृत्व वाले बड़े हिंसक प्रदर्शनों के कारण उनके 16 साल के शासन का पतन हो गया था।
फैसले पर टिप्पणी करते हुए हसीना ने आरोपों को पक्षपाती और राजनीतिक प्रेरित कहा। उन्होंने कहा कि यह फैसला धोखाधड़ी वाले न्यायाधिकरण की ओर से किया गया है, जिसे गैर-निर्वाचित सरकार ने स्थापित किया और अध्यक्षता की है, जिसका कोई लोकतांत्रिक जनादेश नहीं है।
यूनुस ने अपने बयान में कहा कि यह फैसला जुलाई और अगस्त 2024 के आंदोलन में हानि उठाने वाले हजारों लोगों और उनके परिवारों को न्याय प्रदान करता है। उन्होंने कहा, हम ऐसे समय में खड़े हैं जब वर्षों के उत्पीड़न से क्षतिग्रस्त लोकतांत्रिक नींव को फिर से बनाना है।