15 नवंबर को होगा प्रदेशव्यापी प्रदर्शन
भोपाल। प्रदेश के करीब 2.5 लाख संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण की प्रक्रिया में सरकार ने नई शर्त जोड़ दी है। अब इन कर्मचारियों को दोबारा परीक्षा देनी होगी, जिसमें कम से कम 50 प्रतिशत अंक लाना अनिवार्य होगा। सरकार ने नियमित भर्ती में संविदा कर्मियों के लिए 20 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान तो रखा है, लेकिन निर्धारित अंक न लाने की स्थिति में ये पद नए अभ्यर्थियों (फ्रेशर्स) को दे दिए जाएंगे।
ये वही संविदा कर्मचारी हैं, जिन्होंने लगभग 15 वर्ष पहले विभागीय परीक्षा पास कर सेवाएं शुरू की थीं। कर्मचारियों का कहना है कि वे लंबे समय से विभागों में कार्यरत हैं, इसलिए अब उन्हें नई पीढ़ी के उम्मीदवारों से प्रतिस्पर्धा करवाना उचित नहीं है। विशेष रूप से 50 वर्ष से अधिक आयु वाले कर्मचारी परीक्षा देने को लेकर असहज हैं। कई डिप्लोमा और डिग्रीधारी सब इंजीनियर नई कटऑफ के कारण पिछड़ सकते हैं, जिससे वे नियमितीकरण की प्रक्रिया से बाहर हो जाएंगे। इन सभी मुद्दों को लेकर मध्यप्रदेश संविदा संयुक्त संघर्ष मंच ने 15 नवंबर को प्रदेशव्यापी धरना-प्रदर्शन’’ का ऐलान किया है। इसमें 24 विभागों, योजनाओं और परियोजनाओं से जुड़े संविदा कर्मचारी संयुक्त रूप से अपनी मांगें सरकार के समक्ष रखेंगे।