गैस वितरकों ने शुरू की हड़ताल, उपभोक्ता होने लगे परेशान

 

गैस सिलेंडरों की खरीदी और डिलीवरी की बंद
भोपाल। एलपीजी गैस वितरकों ने अपनी प्रमुख मांगों को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया है। मध्यप्रदेश सहित पूरे देश में करीब 26 हजार गैस वितरक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर उतर आए हैं। वितरक लंबे समय से सेवा शुल्क  बढ़ाने की मांग कर रहे हैं, जिसे केंद्र सरकार ने अभी तक मंजूरी नहीं दी है। हड़ताल का असर आज पहले दिन प्रदेश के बड़े ष्शहरों में दिखाई दिया, जहां गैस वितरकों ने सिलेंडर की खरीद और डिलीवर पूरी तरह बंद कर दी।
वितरकों का कहना है कि वे अब तक 35 रूपए सेवा शुल्क पर काम कर रहे हैं, जबकि उनकी मांग है कि इसे बढ़ाकर 110 रूपए प्रति सिलेंडर किया जाए। सरकार की चुप्पी के विरोध में आज से सिलेंडर की खरीद और डिलीवरी दोनों पूरी तरह बंद कर दी गई है। इस हड़ताल का सीधा असर आम जनता की रसोई पर पड़ने वाला है, क्योंकि शुक्रवार से घरेलू सिलेंडरों की सप्लाई पूरी तरह ठप रहने की आशंका है।
बड़े शहरों में हड़ताल का असर
हड़ताल का सबसे ज्यादा असर राजधानी भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर जैसे बड़े शहरों में देखने को मिल रहा है। भोपाल में आज सुबह से ही उपभोक्ता अपने सिलेंडर बुकिंग की जानकारी लेने गैस एजेंसियों तक पहुंचे, लेकिन सभी एजेंसियां बंद पड़ी मिलीं। कई जगह उपभोक्ताओं को बिना गैस लिए ही लौटना पड़ा। गैस वितरक संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि सरकार की उदासीनता ने उन्हें मजबूर किया है कि वे काम बंद का निर्णय लें। उनका कहना है, “हम उपभोक्ताओं की परेशानी समझते हैं, लेकिन हमारी आर्थिक स्थिति अब और खराब हो रही है। खर्च बढ़ गए हैं, जबकि सेवा शुल्क वही पुराना चल रहा है।
लिखित आदेश जारी होने पर ही समाप्त करेंगे हड़ताल
मध्यप्रदेश में यह आंदोलन तीन चरणों में आगे बढ़ा। पहले चरण में वितरकों ने काली पट्टी बांधकर प्रतीकात्मक विरोध दर्ज कराया। दूसरे चरण में उन्होंने गैस एजेंसियों के बाहर धरना प्रदर्शन किया और सरकार को चेतावनी दी कि यदि मांगें नहीं मानी गईं, तो वे काम बंद कर देंगे। अब तीसरे चरण में उन्होंने अनिश्चितकालीन हड़ताल का रास्ता अपनाया है। वितरकों का कहना है कि वे तब तक पीछे नहीं हटेंगे जब तक सरकार उनकी मांगों पर लिखित आदेश जारी नहीं करती।


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