भोपाल। वर्षों से लंबित पदोन्नति में आरक्षण प्रक्रिया को पुनः प्रारंभ करने की दिशा में सरकार द्वारा वर्टिकल आधार पर बन रहे नए ड्राफ्ट पर कड़ा विरोध किया जा रहा है। कांग्रेस अनुसूचित जाति कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप अहिरवार ने इस पर गंभीर आपत्ति जताई है और मुख्य सचिव अनुराग जैन पर गोरकेला समिति द्वारा 2017 में तैयार किए गए वैध ड्राफ्ट को जानबूझकर नजरअंदाज करने का आरोप लगाया है।
अनुसूचित जाति कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप अहिरवार ने कहा कि सरकार सामाजिक न्याय के नाम पर केवल दिखावा कर रही है और एक बार फिर आरक्षित वर्गों के साथ धोखा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गोरकेला ड्राफ्ट विधिसम्मत है और सामाजिक न्याय की भावना से प्रेरित है, लेकिन सरकार और प्रशासनिक अधिकारी इसे लागू करने में टालमटोल कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि नए ड्राफ्ट में वर्टिकल फार्मूले को आगे बढ़ाकर यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि आरक्षित पद खाली रहें और प्रक्रिया केवल एक दिखावा बनी रहे। साथ ही सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के विरुद्ध आरक्षित वर्ग के मेरिट पर चयनित अधिकारियों को भी आरक्षित पदोन्नति का लाभ दिया जा रहा है, जो पूरी तरह अवैध है।
अहिरवार ने बताया कि सरकार ने यह प्रस्ताव रखा है कि अधिकारी पदों पर पदोन्नति (प्रमोशन) के लिए मेरिट (योग्यता) के साथ सीनियॉरिटी (वरिष्ठता) को भी आधार बनाया जाएगा। लेकिन प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि पहले एससी (अनुसूचित जाति) और एसटी (अनुसूचित जनजाति) वर्ग के अधिकारियों को प्रमोशन दिया जाएगा। उन्होंने सरकार से मांग की है कि गोरकेला समिति द्वारा तैयार किए गए 2017 के प्रमोशन नियमों को तुरंत कैबिनेट में लाकर लागू किया जाए और पदोन्नति प्रक्रिया में आरक्षित वर्गों के अधिकारों की पूर्ण रक्षा की जाए।