यलो फीवर वैक्सीनेषन हुआ बंद, विदेष यात्रा करने वालों पर गहराया संकट

भोपाल। एम्स भोपाल में यलो फीवर वैक्सीनेषन बंद कर दिया है। वैक्सीन ना होने के चलते एम्स द्वारा यह कदम उठाया है। वैक्सीनेषन के बंद होने से विदेष यात्रा करने वाले लोगों पर संकट खड़ा हो गया है।
42 देशों की यात्रा के लिए जरूरी यलो फीवर वैक्सीनेशन एम्स भोपाल में 3 महीने बाद फिर बंद हो गया है और वीजा के लिए इसका सटिर्फिकेट जरूरी होता है। करीब एक माह तक बंद रहने के बाद यह वैक्सीनेशन 21 अगस्त को दोबारा शुरू हुआ था। वैक्सीनेषन बंद होने से मध्यप्रदेश के सैकड़ों लोगों की विदेश यात्रा की तैयारी पर संकट खड़ा हो गया है। उन्हें अब एजुकेशन, बिजनेस और टूरिज्म वीजा मिलने में परेशानी का सामना करना पड़ेगा। अफ्रीका और लैटिसन अमेरिका के कई हिस्सों में यलो फीवर की बीमारी पाई जाती है। ऐसे में यहां यात्रा के लिए वैक्सीनेशन जरूरी होता है। एम्स भोपाल प्रदेश का एकमात्र यलो फीवर वैक्सीनेशन सेंटर है, जहां हर महीने करीब 200 से 250 लोग वैक्सीन लगवाने आते हैं। हालांकि अब एम्स भोपाल में यलो फीवर वैक्सीन का स्टॉक खत्म हो गया है, जिसके चलते वैक्सीनेशन अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया है और अगली खेप कब आएगी, यह फिलहाल स्पष्ट नहीं है।
एम्स ने जारी की सूचना
एम्स ने अपनी वेबसाइट और सोशल मीडिया पर पब्लिक नोटिस जारी किया है और लोगों से अपील की है कि वे टीका लगवाने के लिए यहां न आएं। देश के किसी अन्य अधिकृत सेंटर में ऑप्शनल व्यवस्था करें। नई खेप आने पर इसकी सूचना अलग से दी जाएगी।

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