सुझाव देने की अंतिम तारीख 18 दिसंबर
भोपाल। उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा है कि विकसित मध्यप्रदेश 2047 के विजन को साकार करने में वित्तीय वर्ष 2026-27 बजट महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इसमें हर नागरिक की भूमिका होगी। बजट निर्माण में हर नागरिक की भागीदारी के लिये राज्य सरकार ने सभी से सुझाव मांगे हैं।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि नागरिकों, विशेषज्ञों और संगठनों के सुझावों से बजट को और अधिक व्यावहारिक तथा विकासोन्मुखी बनाया जाएगा। नागरिक अपने सुझाव एमपी माय गर्वनमेंट पोर्टल, टोल फ्री नंबर 0755-2700800 तथा डाक के माध्यम से भी भेज सकते हैं। सुझाव देने की अंतिम तारीख 18 दिसम्बर निर्धारित है। बजट निर्माण की प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी बनाया गया है। आम नागरिकों की अपेक्षाओं को बजट में शामिल किया जायेगा। बजट प्रक्रिया को जनभागीदारी आधारित, लोक हितैषी और भविष्य उन्मुख बनाने के उद्देश्य से यह पहल की गई है। मध्यप्रदेश को वर्ष 2047 तक पूर्ण रूप से विकसित प्रदेश बनाने के लिए प्रदेश के वित्तीय प्रशासन का एक मजबूत ढांचा तैयार हो रहा है। इसके लिए अभी से एक आर्थिक नियोजन की तैयारी करना आवश्यक होगा। डेटा-आधारित वित्तीय रणनीति बनाकर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में निरंतर सुधार लाना प्रमुख उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि विकसित मध्यप्रदेश 2047 के कई सेक्टर हैं जो आम नागरिकों के जीवन से सीधा जुड़े हैं। वर्ष 2047 तक प्रदेश को समृद्ध, संपन्न, सुखद और सांस्कृतिक समृद्ध बनाने के लिये प्रत्येक स्तर पर सभी नागरिकों के सहयोग की आवश्यकता है।
आधारभूत ढांचे और रोजगार पर विशेष जोर
बजट के माध्यम से शासन और संबद्ध संस्थाओं में एक लाख से अधिक पदों की पूर्ति का लक्ष्य रखा गया है। हरित ऊर्जा, स्मार्ट मीटरिंग, सुरक्षित विद्युत केबलिंग, ई-परिवहन, सड़क नेटवर्क सुधार जैसे क्षेत्रों पर नागरिकों से विशेष सुझाव मांगे गए हैं।
ग्रामीण व शहरी विकास पर भी सुझाव आमंत्रित
सरकार ने नागरिकों से इन क्षेत्रों पर भी विचार मांगे हैं कि ग्रामीण विकास, पारंपरिक व्यवसायों का पुनर्जीवन, पेयजल व्यवस्था, स्वच्छता व ग्रामीण अधोसंरचना, गोवंश संरक्षण और गोचर भूमि का उपयोग, कृषिदृउद्यानिकीदृमत्स्यदृपशुपालनदृवनोपजदृऔद्योगिक विकास, नदियों, तालाबों और वन्यजीव संरक्षण, स्थानीय पर्यटन, धार्मिक व ऐतिहासिक धरोहर का विकास, शहरी पुनर्विकास, सड़क चौड़ीकरण, अतिक्रमण मुक्त मॉडल, स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास, दिव्यांगजन कल्याण, प्रशासनिक सुधार एवं राजस्व वृद्धि उपाय।