एसआईआर के कार्य में बड़े जिलों से आगे निकले छोटे जिले

आयोग ने कलेक्टरों पर जताई नाराजगी
भोपाल। चुनाव आयोग ने एसआईआर के डिजिटाइजेशन कार्य में धीमी प्रगति को लेकर प्रदेश के बड़े शहरों के कलेक्टरों पर एक बार फिर नाराज़गी जताई है। आयोग ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि गणना पत्रकों के डिजिटाइजेशन की गति तेज की जाए, क्योंकि वर्तमान प्रगति बेहद धीमी पाई गई है। इसके विपरीत, राज्य के छोटे जिलों में एसआईआर कार्य की रफ्तार में सुधार दर्ज किया गया है।
चुनाव आयोग की डायरेक्टर शुभ्रा सक्सेना ने आज बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अधिकारियों और जिला कलेक्टरों के साथ बैठक कर एसआईआर गणना पत्रक वितरण और डिजिटाइजेशन की समीक्षा की। बैठक में बताया गया कि शहडोल, उमरिया और अनूपपुर जैसे छोटे जिलों में पिछले दिनों उठाई गई आपत्तियों के बाद स्थिति में तेजी से सुधार हुआ है। वहीं भोपाल, इंदौर और ग्वालियर जैसे बड़े जिलों में डिजिटाइजेशन प्रतिशत अभी भी बेहद कम है, जिस पर आयोग ने असंतोष जताया। डायरेक्टर सक्सेना ने कलेक्टरों से दो टूक कहा कि अगली समीक्षा बैठक से पहले प्रदर्शन में सुधार अनिवार्य है, अन्यथा आयोग कठोर कार्रवाई करेगा। जानकारी के अनुसार, इन जिलों में डिजिटाइजेशन का प्रतिशत अभी 10 प्रतिशत से भी कम दर्ज किया गया है। आयोग ने बड़े जिलों से तुरंत सुधार की अपेक्षा जताते हुए स्पष्ट किया है कि एसआईआर कार्यों में लापरवाही किसी भी स्तर पर स्वीकार नहीं की जाएगी।
भोपाल जिले डिजिटाइजेशन मात्र 8.77 फीसदी
भोपाल में एसआईआर कार्य की धीमी रफ्तार विशेष चिंता का विषय बनी हुई है। जिले का औसत डिजिटाइजेशन प्रतिशत 8.77 है। इनमें बैरसिया विधानसभा में सर्वाधिक 25.86 फीसदी दस्तावेज डिजिटाइज हुए हैं। वहीं भोपाल उत्तर, नरेला और भोपाल दक्षिण-पश्चिम में क्रमशः 5.01 फीसदी, 5.57 फीसदी और 5.58 फीसदी प्रगति दर्ज की गई है। जबकि भोपाल मध्य, गोविंदपुरा और हुजूर विधानसभा में क्रमशः 4.38 प्रतिशत, 5.69 प्रतिशत और 10.80 प्रतिशत डिजिटाइजेशन हुआ है।

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