एमआईसी और पीआईसी की बैठकें समय सीमा में हो


दस दिनों से ज्यादा लंबित नहीं होगी बैठकें
भोपाल। प्रदेश के नगरीय निकायों में मेयर इन काउंसिल (एमआईसी) और प्रेसिडेंट इन काउंसिल (पीआईसी) की बैठकों में देरी अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि इन बैठकों में आने वाले किसी भी प्रकरण को अधिकतम 10 दिनों से ज्यादा लंबित नहीं रहने’’ दिया जाए।
मध्यप्रदेश नगर पालिक निगम अधिनियम की धारा 37 के तहत नगर निगमों में एमआईसी का गठन और धारा 70 के तहत नगर पालिका व नगर परिषदों में पीआईसी का गठन अनिवार्य है। इनके कार्य संचालन तथा अधिकारियों के अधिकार-कर्तव्यों से संबंधित नियम साफ तौर पर निर्धारित करते हैं कि एमआईसी और पीआईसी की बैठकें आवश्यकता अनुसार बुलाई जा सकती हैं। अपर आयुक्त दिव्यांक सिंह को जानकारी मिली थी कि कई नगरपालिका व नगर निगमों में ये बैठकें नियमित रूप से नहीं हो रहीं, जिसके कारण शासन की योजनाओं, विकास कार्यों और जनकल्याण संबंधी प्रस्ताव लंबे समय तक अटके रहते हैं। इससे शहर सरकार’ के संचालन में देरी होती है और विकास कार्य न होने से आमजन परेशान रहते हैं।
समय सीमा में की जाए बैठकें
इस स्थिति को सुधारने के लिए अपर आयुक्त ने सभी नगर निगम आयुक्तों, नगर पालिका व नगर परिषदों के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं कि एमआईसी और पीआईसी की बैठकें समयसीमा के भीतर अनिवार्य रूप से आयोजित की जाएं।कोई भी प्रकरण 10 दिन से अधिक लंबित न रहे। निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाए।


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