चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने यूरोपीय संघ (ईयू) से आग्रह किया कि वह अमेरिका की एकतरफा दबाव बनाने की नीति का मिलकर विरोध करे। बता दें कि चीन और अमेरिका के बीच व्यापार युद्ध तेज हो गया है। आज चीन ने अमेरिका के सामान पर 125 फीसदी टैरिफ लगा दिया। यह कदम चीन ने अमेरिका की ओर से लगाए गए 145 फीसदी टैरिफ के जवाब में उठाया है।
चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन यह बराबरी और आपसी सम्मान पर आधारित होनी चाहिए। मंत्रालय ने यह भी कहा, अगर अमेरिका और टैरिफ बढ़ाता है, तो चीन अब उसे नजरअंदाज करेगा।
वहीं, चीन के कस्टम टैरिफ कमीशन ने एक बयान में कहा, अमेरिका द्वारा अब टैरिफ बढ़ाना दुनिया के आर्थिक इतिहास में एक मजाक बन जाएगा। चीन के लिए अब इतने ज्यादा कर पर अमेरिकी सामान खरीदना मुश्किल हो गया है। लेकिन अगर अमेरिका चीन के आर्थिक हितों को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाता है, तो चीन भी सख्ती से जवाब देगा और आखिरी तक मुकाबला करेगा। चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग ने क्या कहा
राष्ट्रपति जिनपिंग ने स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज से मुलाकात के दौरान कहा, टैरिफ की लड़ाई में कोई विजेता नहीं होता। जो देश पूरी दुनिया के खिलाफ जाएगा, वह खुद अकेला पड़ जाएगा। उन्होंने कहा, चीन और यूरोपीय संघ दोनों की वैश्विक व्यापार और मुक्त व्यापार के समर्थक हैं। हम मिलकर अतरराष्ट्रीय नियमों और व्यवस्था की रक्षा करेंगे।
टैरिफ प्रभावित देशों का दौरा करेंगे जिनपिंग
अमेरिका की तरफ से बढ़ते दबाव को देखते हुए चीन ने अब दुनिया का समर्थन जुटाने की रणनीति शुरू कर दी है। राष्ट्रपति शी अगले हफ्ते वियतनाम, मलयेशिया और कंबोडिया का दौरा करेंगे। ये देश भी अमेरिका के टैरिफ से प्रभावित हुए हैं। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने दुनियाभर में चीन के राजदूतों के साथ एक अहम बैठक की, जिसमें उन्होने मौजूदा हालात में चीन की रणनीतिक प्राथमिकताएं तय कीं।
पूरी ताकत से जवाब देगा चीन: लिन जियान
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा, अगर अमेरिका सच्चे दिल से बातचीत करना चाहता है, तो उसे अपनी ज्यादा दबाव बनाने की नीति छोड़नी होगी। बातचीत बराबरी, आपसी सम्मान और लाभ पर होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा, अगर अमेरिका टैरिफ युद्ध को और बढ़ाएगा तो चीन पूरी ताकत से उसका जवाब देगा। अमेरिका की दादागिरी और जबरदस्ती के आगे झुकना अब विकल्प नहीं है।
इतिहास को पीछे नहीं ले जाया जा सकता: वांग यी
विदेश मंत्री वांग यी ने अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के प्रमुख राफेल ग्रोसी से मुलाकात के दौरान कहा, अमेरिका मनमानी नहीं कर सकता। इतिहास को पीछे नहीं ले जाया जा सकता। उन्होंने कहा, अमेरिका केवल अपने फायदे के लिए अंतरराष्ट्रीय व्यापार व्यवस्था और नियमों की अनदेखी कर रहा है।
वांग ने कहा कि चीन न केवल अपने अधिकारों की रक्षा करेगा, बल्कि पूरी दुनिया के हितों को सुरक्षित रखने के लिए खड़ा रहेगा, ताकि दुनिया जंगल के कानून की ओर वापस न लौटे, जहां ताकतवर ही सही हो। उन्होंने यह भी कहा कि चीन, संयुक्त राष्ट्र की 80वीं वर्षगांठ को एक अवसर के रूप में लेगा, ताकि वह अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था और नियम-कानूनों की रक्षा कर सके।