ग्रीष्मकालीन मूंग में खरपतवार नाशकों का उपयोग कम करें किसान

कृषि मंत्री कंसाना ने की किसानों से अपील
भोपाल। किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री एदल सिंह कंषाना ने कहा है कि ग्रीष्मकालीन मूंग में खरपतवार नाशकों का अधिक उपयोग करने के दुष्परिणाम सामने आ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जनता में कई गंभीर बीमारियां होने की संभावना रहती है इसलिए किसानों को ग्रीष्मकालीन मूंग में खरपतवार नाशकों का उपयोग कम करना चाहिए। यह देखने में आया है कि किसानों द्वारा ग्रीष्मकालीन मूंग को जल्दी सुखाने के लिए खरपतवार नाशक पैराक्वेट एवं ग्लाईफोसेट का उपयोग किया जा रहा है, इससे फसल जल्दी तो पक जाती है, जिससे फसल आसानी से काटी जा सके परंतु इसका दुष्परिणाम वातावरण के साथ ही उत्पादित मूंग का सेवन करने वाले लोगों पर भी होता है, जिससे विभिन्न प्रकार की खतरनाक बीमारियों जिसमें त्वचा, श्वसन संबंधी रोग तथा कैंसर होने की संभावना हो सकती है। खरपतवार नाशकों लगातार का प्रयोग मिट्टी में उपयोगी सूक्ष्म जीवों को नष्ट कर देता है, जिससे मिट्टी की प्राकृतिक उर्वरता घटती है। यह रसायन सिंचाई के पानी के साथ बहकर जल स्त्रोंतों का प्रदूषित करते है, जिससे जल जीवों और आसपास के पारिस्थितिक तंत्र पर नकारात्मक प्रभाव डालते है। साथ ही ग्रीष्मकालीन मूंग में कम से कम 3-4 बार सिंचाई करना पड़ती है, जिससे भूमि का जल स्तर नीचे जा रहा है।

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