प्रदेश में धर्मांतरण के मामलों की जांच के लिए गठित की एसआईटी

लव जिहाद मामले को लेकर सख्त हुई सरकार
भोपाल। प्रदेश में  धर्मांतरण के लगातार आ रहे मामले के बाद सरकार सख्त हुई है। राजधानी  में लड़कियों के साथ योजनाबद्ध तरीके से प्रेमजाल, धोखे, धमकी के माध्यम से धर्मांतरण को लेकर राज्यस्तरीय एसआईटी का गठन किया गया। पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना ने विशेष जांच दल का गठन किया। पूरे मध्य प्रदेश के सभी मामलों की जांच के लिए राज्य स्तरीय एसआईटी बनाई गई है।
पुलिस मुख्यालय से जारी आदेश में कहा गया कि मध्य प्रदेश के कुछ जिलों में ऐसी आपराधिक गतिविधियों की सूचनाएं प्राप्त हुई हैं, जिनमें सामाजिक रूप से असुरक्षित और कमजोर वर्ग की बालिकाओं, महिलाओं को योजनाबद्ध तरीके से प्रेमजाल, धोखे, धमकी या अन्य प्रलोभनों के माध्यम से लक्ष्य बनाकर मानसिक, शारीरिक एवं सामाजिक शोषण किया गया है. इन घटनाओं में पीड़ितों का कथित रूप से भय, दबाव या धोखे के आधार पर धर्मांतरण कराया गया है। आदेश में कहा गया कि ऐसी घटनाएं न केवल आपराधिक प्रकृति की हैं, बल्कि महिलाओं की गरिमा, स्वतंत्रता व समाज में शांति व्यवस्था के लिए भी गंभीर चुनौती प्रस्तुत करती हैं. एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किया जाता है, जो इन जिलों से संबंधित घटनाओं की समग्र जांच करेगा। एसआईटी की कमान भोपाल देहात के आईजी अभय सिंह को सौंपी गई है।
एसआईटी में ये अधिकारी रहेंगे शामिल
पुलिस महानिदेशक द्वारा गठित एसआईटी में पुलिस महानिरीक्षक, भोपाल (देहात) जोन (अध्यक्ष) , अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (अपराध एवं मुख्यालय), नगरीय पुलिस भोपाल ( सदस्य ), सहायक पुलिस महानिरीक्षक, महिला सुरक्षा शाखा,  (सदस्य),  सहायक पुलिस महानिरीक्षक, अ.अ.वि. पुलिस मुख्यालय भोपाल (सदस्य), . पुलिस अधीक्षक, राज्य सायबर सेल, भोपाल (सदस्य) रहेंगे।
इन बिन्दुओं पर जांच करेगी एसआईटी
संबंधित जिलों में हुई ऐसी घटनाओं की पहचान और विस्तृत जाँच करना, जिनमें बालिकाओं या महिलाओं को बहलाकर, धमकाकर या प्रलोभन देकर धर्मातरण के लिए विवश किया गया हो,  घटनाओं में संलिप्त व्यक्तियों, संगठनों या गिरोहों की पहचान कर उनके खिलाफ कठोर विधिक कार्रवाई सुनिश्चित करना, किसी अंतरराज्यीय या विदेशी नेटवर्क की संलिप्तता की जांच करना,  जिलों के पुलिस अधीक्षक, उप पुलिस महानिरीक्षक रेंज, पुलिस महानिरीक्षक जोन, महिला एवं बाल सुरक्षा इकाइयों, विशेष शाखा के साथ अन्य संबद्ध एजेंसियां ैप्ज् को पूरा सहयोग प्रदान करेंगी,  पुलिस मुख्यालय भोपाल स्तर पर महिला सुरक्षा शाखा द्वारा इसकी मॉनिटरिंग की जाएगी।


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