स्पेशल डिटेक्टिव यूनिट की ओर से जासूसी के आरोप में गिरफ्तार देवेंद्र सिंह वर्ष 2024 की नवंबर में ही सिख श्रद्धालुओं के जत्थे के साथ करतारपुर कॉरिडर से पाकिस्तान गया था। इस दौरान उसने करतारपुर साहिब, ननकाना साहिब, लाहौर में कई धार्मिक स्थलों पर गया। वहीं पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के एजेंट के संपर्क में आया। पुलिस की जांच में सामने आया कि देवेंद्र पांच से अधिक पाकिस्तानी एजेंटों के संपर्क में थ
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जासूस देवेंद्र सिंह - फोटो : अमर उजाला
पंजाब विश्वविद्यालय से पढ़ाई कर रहा देवेंद्र
आरोपी देवेंद्र सिंह पंजाब के पटियाला जिले में पंजाब विश्वविद्यालय से एमए राजनीति शास्त्र की पढ़ाई कर रहा है। इसने विश्वविद्यालय के नजदीक ही अपना कमरा ले रखा था। कमरे पर वह सप्ताह में पांच दिन रहता था, शेष दो दिन के लिए मस्तगढ़ गांव स्थित अपने घर पर आता था। आरोपी के घर में चार सदस्य है। उसकी एक छोटी बहन है, वह भी 12वीं में पढ़ाई कर रही है। उसके पिता गांव में ही खेती हैं। जबकि उसकी माता एक गृहिणी है। अभी तक की जांच में सामने आया है कि मध्यमवर्गीय परिवार के इस युवक के खिलाफ सोशल मीडिया पर हथियार के साथ पोस्ट डालने से पहले कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है।
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जासूस देवेंद्र सिंह - फोटो : अमर उजाला
पाकिस्तानी युवती को भेजी थी पटियाला सैन्य इलाके की तस्वीरें
आरोप है कि देवेंद्र की दोस्ती फेसबुक पर एक पाकिस्तानी युवती से हुई। हनी ट्रैप में फंसने के बाद आरोपी ने पटियाला सैन्य क्षेत्र की तस्वीरें अपने मोबाइल फोन से खींचकर आईएसआई एजेंटों को भेजी थीं। आरोपी को गांव में पुलिस जांच की भनक लग गई थी। इस कारण उसने अपने सभी डिजिटल डिवाइस से डाटा डिलीट कर दिया। पुलिस की साइबर क्राइम यूनिट अब डाटा रिकवर करने में जुटी है। पुलिस ने उसके मोबाइल फोन व अन्य डिवाइस अपने कब्जे में ले लिए हैं।
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जासूस देवेंद्र सिंह - फोटो : अमर उजाला
गांव के दूसरे युवक के हथियार के साथ डाली थी फोटो
पुलिस की गुप्तचर यूनिट के हेड कांस्टेबल कुलदीप सिंह ने शिकायत दी थी कि 11 मई को उसे सूचना मिली कि मस्तगढ़ निवासी देवेंद्र सिंह ढिल्लों ने अपनी फेसबुक आईडी पर बंदूकों के साथ फोटो अपलोड की है। जांच में पता चला कि देवेंद्र के पास कोई लाइसेंसी हथियार नहीं है। उसने उसके गांव के मालक सिंह के हथियारों के साथ सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर फोटो अपलोड करके वायरल की और भय का माहौल बनाया। भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के दौप।
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जासूस देवेंद्र सिंह - फोटो : अमर उजाला
संपर्कों की जांच की जाएगी
कैथल की एसपी आस्था मोदी ने बताया कि देवेंद्र से जुड़े अन्य सहयोगियों की जल्द पहचान कर उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही आरोपी के परिजनों से भी जानकारी प्राप्त की जाएगी।
आईएसआई ने सोशल मीडिया पर फैला रखा है हसीनाओं का जाल
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने सोशल मीडिया पर भी हसीनाओं का जाल फैला रखा है। यह हनी ट्रैप भारतीय युवाओं को फंसाकर जासूसी कराने के लिए है। कई लोग इसमें फंस चुके हैं। इनमें डीआरडीओ और विदेश मंत्रालय के कर्मचारी भी हैं।
रोज एक मैसेज और 25 मैसेज
कैथल के देवेंद्र सिंह को हनी ट्रैप में ही फंसाया गया। हालांकि, यह हनी ट्रैप सोशल मीडिया पर नहीं था, लेकिन फेसबुक और इंस्टाग्राम पर आईएसआई के एजेंटों ने कई अकाउंट बना रखे हैं। इसे एक केस से समझा जा सकता है। दो महीने पहले आगरा का निवासी रविंद्र सिंह ऐसे ही जाल में फंसा था। वह फिरोजाबाद आयुध निर्माण फैक्टरी का कर्मचारी था। उससे नेहा शर्मा नाम से पाकिस्तानी एजेंट ने फेसबुक पर दोस्ती के लिए अनुरोध किया था। वह समझ नहीं पाया कि अनुरोध आईएसआई के एजेंट का है। नेहा नाम से एजेंट उसे रोज एक तस्वीर और 25 मैसेज भेजती थी।
कई बार किया गया है आगाह
इसी तरह तीन साल पहले विदेश मंत्रालय में गाड़ी चलाने का काम करने वाले एक युवक को आईएसआई ने अपना एजेंट बनाया था। वह भी सोशल मीडिया पर खूबसूरत लड़की समझकर एजेंट से दोस्ती कर बैठा था। ऐसे और भी मामले हैं। खुफिया एजेंसियों की ओर से इसके लिए कई बार सैन्य कर्मचारियों को आगाह भी किया गया है।
बातों-बातों में कर लेती हैं जासूसी के लिए तैयार
आईएसआई के एजेंट फर्जी नाम से खूसबूरत लड़कियों के फोटो सोशल मीडिया पर डालते रहते हैं। जो भी इनमें दिलचस्पी दिखाता है, उससे दोस्ती का अनुरोध (फ्रेंड रिक्वेस्ट) भेज दी जाती है। इसके बाद उससे आईएसआई की महिला एजेंट फोन पर बात करती हैं और बातों ही बातों में उसे जासूसी के लिए तैयार कर लेती हैं।