खाद का पुराना स्टॉक किसानों को बांटने की तैयारी में सरकार
भोपाल। खरीफ सीजन में राज्य में खाद की किल्लत गहरा सकती है। डीएपी की किल्लत और एनपीके की कीमतों में उछाल से किसानों में नाराजगी बढ़ सकती है। इस स्थिति से निपटने के लिए मुख्यमंत्री डा मोहन यादव ने अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में सरकार ने तय किया कि स्टॉक में रखी खाद को किसानों में बांटा जाएगा, ताकि उन्हें पुरानी दरों पर खाद मिल सके।
बैठक में तय किया गया कि किसानों को बताया जाए कि डीएपी की कमी है। बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि किसानों को यूरिया दिया जाए या टीएसपी। राज्य में 3.5 लाख टन डीएपी और एनपीके का स्टॉक है, लेकिन उसे 7.5 लाख टन खाद की जरूरत है। सूत्रों के मुताबिक, चीन द्वारा डीएपी की आपूर्ति बंद कर दिए जाने के कारण भारत को मोरक्को से ही डीएपी मिल रही है। सरकार ने दरें नहीं बढ़ाईं तो कंपनियों ने डीएपी का उत्पादन बंद कर दिया। सरकार ने रबी सीजन में एनपीके को बढ़ावा दिया। डीएपी की कमी और एनपीके की मांग बढ़ने पर निर्माताओं ने 50 किलो खाद वाले एक बैग की कीमत 1,470 रुपये से बढ़ाकर 1,720 रुपये कर दी। खाद पर भारी मात्रा में सब्सिडी देने वाली केंद्र सरकार ने यूरिया, एनपीके और डीएपी पर सब्सिडी तय कर दी है। एनपीके की कीमत में बढ़ोतरी का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ेगा, जिससे उनमें नाराजगी भी हो सकती है।
केंद्र से आपूर्ति में कमी
भारत सरकार को राज्य को इस महीने एक लाख टन डीएपी और डेढ़ लाख टन एनपीके आवंटित करना है, लेकिन केंद्र ने अभी तक डीएपी आवंटित नहीं किया है। केन्द्र ने राज्य को सिर्फ 25 हजार टन एनपीके की आपूर्ति की है।