अवैध परिवहन की रोकथाम के लिये एआई पर आधारित मानव-रहित 41 चेक-गेट होंगे स्थापित
भोपाल। प्रदेश के 55 जिलों में ई-खनिज पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन ई-टीपी सेवाओं को लागू किया जा चुका है। इस व्यवस्था के सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो रहे हैं। साथ ही अवैध उत्खनन, परिवहन एवं भंडारण की जानकारी एमआईएस रिपोर्ट के रूप में प्राप्त की जा रही है। ई-टीपी की व्यवस्था लागू होने से पट्टेदार द्वारा ऑनलाइन रॉयल्टी का भुगतान किया जा रहा है। इससे केशलैस ट्रॉन्जेक्शन की मंशा भी पूरी की गई है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर अवैध खनन भंडारण एवं परिवहन की रोकथाम के लिये ऑर्टिफिशियल इन्टेलिजेंस (एआई)का उपयोग कर खनन निगरानी प्रणाली विकसित की जा रही है। इस प्रणाली के अंतर्गत प्रदेश की समस्त स्वीकृत 7502 खदानों की जियो टेगिंग कर खदान क्षेत्र का सीमांकन किया जा चुका है। सैटेलाइट इमेज एवं रिमोट सेंसिंग टेक्नोलॉजी की सहायता से प्रदेश में हो रहे अवैध उत्खनन एवं भंडारण पर निगरानी रखी जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्रणाली खदान क्षेत्र के बाहर हो रहे अवैध उत्खनन का पता लगाने में सक्षम होगी। इसके अंतर्गत एक निश्चित समय अंतराल पर सतत रूप से प्राप्त सेटेलाइट इमेजेस का विश्लेषण कर सिस्टम द्वारा राज्य एवं जिला प्रशासन को अलर्ट भेजे जायेंगे। क्षेत्रीय अमले द्वारा मोबाइल ऐप से परीक्षण एवं निरीक्षण कर पोर्टल अथवा मोबाइल ऐप पर रिपोर्ट दर्ज कर प्रकरण पंजीबद्ध किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर खदान या उसके बाहर ड्रोन सर्वे कर वॉल्युमेट्रिक एनालिसिस से वास्तविक उत्खनित मात्रा का पता लगाकर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई कर अर्थदण्ड अधिरोपित करने की परियोजना भी प्रक्रियाधीन है।
सर्वाधिक वाहनों के आगमन वाले चिन्हित किए 41 स्थल
मुख्यमंत्री ने कहा कि खनिजों के अवैध परिवहन की रोकथाम के लिये नवीन तकनीक एआई पर आधारित मानव-रहित चेक-गेट पूरे प्रदेश में स्थापित किये जा रहे हैं। प्रदेश में 41 ऐसे स्थल चिन्हांकित किये गये हैं, जहाँ से खनिज परिवहन करने वाले वाहनों का सर्वाधिक आगमन होता है। चेक-गेट स्थापित करने के लिये टेंडर के माध्यम से रेल टेल कॉर्पोरेशन को सर्विस प्रोवाइडर के रूप में चयनित किया गया है। उन्होंने कहा कि पॉयलेट प्रोजेक्ट के रूप में भोपाल के आस-पास 4 स्थानों पर ई-चेकगेट स्थापित किये गये हैं। निगरानी के लिये राज्य स्तर पर भोपाल में कमाण्ड एवं कंट्रोल सेंटर और जिला स्तर पर भोपाल एवं रायसेन में जिला स्तरीय कमाण्ड सेंटर स्थापित किया गया है। ई-चेकगेट में वेरीफोकल कैमरा, आर.एफ.आई.डी. रीडर, ऑटोमेटिक नम्बर प्लेट रीडर की सहायता से खनिज परिवहन में संलग्न वाहन की जाँच के प्रावधान हैं।