पटवारी ने पुलिस महानिदेशक को लिखा पत्र
भोपाल। प्रदेश में सांसदों-विधायकों को सलामी देने पर सियासत शुरू हो गई है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी को इस पर एतराज है। उन्होंने इसे लेकर आज पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना को पत्र लिखकर सरकार के इस फैसले को वापस लेने की मांग कर दी है। पटवारी कहा मानना है कि अगर गंभीर आपराधिक मामलों में नामजद जनप्रतिनिधियों को सलामी देगी, तो पुलिस की साख और निष्पक्षता प्रभावित होगी।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सांसदों और विधायकों को सलामी देने वाले फैसले पर सवाल उठाया हैं। उन्होंने पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना को एक पत्र भी लिखा है। जिसमें इस निर्णय को वापस लेने की मांग की है। पटवारी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट कर लिखा है कि यदि गंभीर आपराधिक मामलों में नामजद जनप्रतिनिधियों को पुलिस सलामी देगी, तो पुलिस की साख और निष्पक्षता प्रभावित होगी। उन्होंने पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर इस गैर-जरूरी निर्णय को वापस लेने की मांग की, ताकि, पुलिस के सम्मान को कायम रखा जा सके।
गौरतलब है कि प्रदेश में पुलिस अफसरों और कर्मचारियों को अब सांसद-विधायकों को भी सैल्यूट करना होगा। पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना ने आदेश जारी कर कहा है कि किसी भी जनप्रतिनिधि के साथ शिष्ट व्यवहार में कमी नहीं होनी चाहिए। सांसद और विधायक मिलने आए तो पुलिस अफसरों को प्राथमिकता के आधार पर उनसे मुलाकात कर बात सुननी होगी। पुलिस महानिदेशक ने इसके निर्देश प्रदेश की सभी पुलिस इकाइयों को जारी कर इसका पालन करने के लिए कहा है। सभी सांसद, विधायकों को सरकारी कार्यक्रम या सामान्य मुलाकात के दौरान उनका अभिवादन वर्दीधारी अधिकारी और कर्मचारी सैल्यूट करके करेंगे।
आपराधिक रिकार्ड का किया उल्लेख
पटवारी ने लिखा कि मध्य प्रदेश में भाजपा के 29 सांसदों में से 9 (31 प्रतिशत) पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। भाजपा के 163 विधायकों में से 51 (31 प्रतिशत) पर आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें 16 (10 प्रतिशत) पर गंभीर आपराधिक मामले (जैसे हत्या, बलात्कार, डकैती, अपहरण आदि के हैं, जिनमें 7 वर्ष से अधिक की सजा का प्रावधान है) शामिल हैं. वहीं, मध्य प्रदेश की मोहन सरकार के 31 मंत्रियों में से 12 (39 प्रतिशत) पर आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें 3 (10 प्रतिशत) पर गंभीर आपराधिक मामले हैं। इन आंकड़ों को देखते हुए, यह अत्यंत चिंताजनक है कि जिन जन प्रतिनिधियों पर आपराधिक और गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं, उन्हें पुलिस की ओर से सलामी दी जाए।