भोपाल। भाजपा में भीतरघात ने संगठन की चिंता को बढ़ा दिया है। जनप्रतिनिधियों की नाराजगी अब खुलकर सामने आने लगी है। कभी नौकरशाहों को लेकर सरकार को घेरने वाले बयान सामने आ रहे हैं तो कहीं पर क्रास वोटिंग के चलते बहुमत के बावजूद पार्टी प्रत्याशी को हार का सामने करना पड़ा है। ऐसा ही मामला हरदा जिला योजना समिति के चुनाव में सामने आया, जब यहां कांग्रेस प्रत्याशी क्रास वोटिंग के चलते जीत गया। इसके बाद राजनीतिक हलचल तेज हुई और सांख्यिकी विभाग को पूर्व में चुनाव के लिए जारी आदेश को निरस्त करना पड़ा।
दरअसल हरदा नगर पालिका परिषद (नपा) में कुल 35 पार्षद हैं, जिनमें 24 भाजपा, 10 कांग्रेस और 1 निर्दलीय हैं। जियोस के लिए हुए चुनाव में भाजपा से रीना प्रजापति और मनोज महलवार, जबकि कांग्रेस से अहद खान उम्मीदवार थे। परिणामों ने सबको चौंका दिय। रीना को 20 वोट मिले जबकि कांग्रेस के अहद खान को 18 और भाजपा के ही मनोज को 17 वोट हासिल हुए। कांग्रेस के पास केवल 10 पार्षद होने के बावजूद अहद को 18 वोट मिलने से भाजपा में भारी क्रॉस वोटिंग का संकेत मिल। इसके बाद अब भाजपा के नेताओं में चिंता बढ़ने लगी है। हरदा से लेकर भोपाल तक यह मामला गर्मा गया है। नपाध्यक्ष संगीता कमेडिया इस घटनाक्रम से ज्यादा खफा है। उन्हें अब संगठन की नाराजगी की चिंता सता रही है।
पूर्व में जारी आदेश किया निरस्त
मध्यप्रदेश जिला योजना समिति के लिए पूर्व में जारी आदेश को विभाग ने वापस ले लिया है। अब नई गाइडलाइन जारी होगी और उसी के अनुसार समिति के चुनाव होंगे। हरदा चुनाव परिणाम के अगले ही दिन योजना एवं आर्थिक सांख्यिकी विभाग ने एक आदेश सभी कलेक्टरों के लिए जारी किया कि जिला योजना समिति के गठन को लेकर पूर्व में जो आदेश जारी किया गया था, उसे तत्काल वापस लिया है। वहीं, अगली गाइडलाइन को लेकर अलग से सूचना देने की बात कही गई है। यह समिति जिला पंचायत, ग्राम पंचायत, नगर पंचायत, नगर पालिका परिषद और नगर निगम की विकास योजनाओं का समन्वय करती है। इसलिए इसके लिए दोनों ही पार्टी जिला स्तर पर बड़ी तैयारी करती हैं।