Indus Treaty: सिंधु जल संधि पर पीएम मोदी का बड़ा बयान, 'भारत का पानी पहले बाहर जाता था, अब वह देश के काम आएगा'

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: पवन पांडेय Updated Tue, 06 May 2025 09:11 PM IST

PM Modi On Indus Water Treaty: भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच पीएम मोदी ने सिंधु जल संधि को लेकर बड़ा बयान दिया है। पीएम मोदी ने इस संधि का नाम लिए बिना कहा- भारत का पानी पहले बाहर जाता था, अब वह भारत के हितों के लिए रुकेगा और देश के काम आएगा।

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि को खत्म कर दिया है। वहीं इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार सार्वजनिक तौर बयान दिया है। पीएम मोदी ने कहा- भारत का पानी पहले बाहर जाता था, अब वह भारत के हितों के लिए रुकेगा और देश के काम आएगा। यानि जो पानी पहले भारत की सीमा से बाहर जा रहा था (खासकर पाकिस्तान या बांग्लादेश जैसे पड़ोसी देशों में बहने वाले नदी जल के संदर्भ में), अब भारत सरकार उस पानी को देश के हित में रोकने और उपयोग में लाने की योजना बना रही ह

हम राष्ट्र को सबसे पहले रखते हैं- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने आगे कहा, 'एक समय था जब कोई भी जरूरी कदम उठाने से पहले लोग सोचते थे कि दुनिया क्या सोचेगी... वे सोचते थे कि उन्हें वोट मिलेगा या नहीं, उनकी सीट सुरक्षित रहेगी या नहीं। इन कारणों से बड़े सुधारों में देरी हुई। कोई भी देश इस तरह आगे नहीं बढ़ सकता। देश तभी आगे बढ़ता है जब हम राष्ट्र को सबसे पहले रखते हैं।'
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब लोग अब देश को देखते हैं, तो वे गर्व से कह सकते हैं कि 'लोकतंत्र काम कर सकता है' और इस बात पर जोर दिया कि सरकार जीडीपी-केंद्रित दृष्टिकोण से सकल जन सशक्तिकरण (जीईपी) पर आधारित प्रगति की ओर बढ़ रही है।भारत ने सिंधु जल संधि रोकने का किया फैसला
सिंधु जल संधि को रोकने का फैसला कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (सीसीएस) ने लिया, जो राष्ट्रीय सुरक्षा पर सरकार की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था है। भारत ने स्पष्ट किया है कि जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को अपना समर्थन देना बंद नहीं कर देता, तब तक यह निलंबन प्रभावी रहेगा। ये इस संधि की शुरुआत के बाद से यह पहली बार है कि भारत ने आधिकारिक तौर पर इस पर रोक लगाई है - यह उसके कूटनीतिक रुख में एक महत्वपूर्ण बदलाव है। लगातार तनाव के कारण वर्षों से समीक्षा के लिए समय-समय पर आह्वान के बावजूद, संधि अब तक अछूती रही है।
क्या सिंधु जल संधि?
सिंधु जल संधि के तहत भारत 1960 से पाकिस्तान को सिंधु, झेलम और चेनाब नदियों के पानी का बड़ा हिस्सा देता रहा है, जबकि सतलुज, रावी और ब्यास नदियों का जल भारत इस्तेमाल करता है। लेकिन हाल के वर्षों में यह बहस तेज हुई है कि भारत को अपने हिस्से के पानी का पूरा उपयोग करना चाहिए ताकि खेती, पीने के पानी और बिजली उत्पादन के लिए देश में जल उपलब्धता बढ़ सके।
वक्फ कानून पर भी बोले पीएम मोदी
वहीं पीएम मोदी ने नए वक्फ कानून का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि कानून में सुधार की जरूरत दशकों से महसूस की जा रही थी, लेकिन वोट बैंक को संतुष्ट करने के लिए इस नेक काम को भी बदनाम किया गया। उन्होंने कहा, 'अब संशोधन किए गए हैं जो वास्तविक अर्थों में गरीब मुस्लिम माताओं और बहनों और गरीब पसमांदा मुसलमानों की मदद करेंगे।' अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि इस बदलते भारत का सबसे बड़ा सपना 2047 तक 'विकसित भारत' बनना है। उन्होंने कहा, 'देश में इसके लिए क्षमताएं, संसाधन और इच्छाशक्ति है।'
जीडीपी नहीं अब जीईपी की सोच
पीएम ने अपनी सरकार के 11 वर्षों के काम की चर्चा करते हुए कहा कि इस दौरान उन्होंने समाज के गरीब और वंचित तबके के लिए काम करते हुए भी विकास को अपनी प्राथमिकता में बनाए रखा है। पीएम ने कहा, देश जीडीपी आधारित सोच से अब जनता के सकल रोजगार (ग्रॉस इंप्लॉयमेंट ऑफ पीपुल-जीईपी) की ओर से बढ़ रहा है। इसके लिए पीएम ने आवासीय व स्वास्थ्य बीमा जैसी कई सामाजिक और कल्याणकारी योजनाओं का संदर्भ दिया।

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